उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ? उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ?
अनकही बातें भी 'जब समझ आ जायें कही हुयी बात फिर मैं भी लिखूँ। अनकही बातें भी 'जब समझ आ जायें कही हुयी बात फिर मैं भी लिखूँ।
जो अनकही बात दरम्यान है अपनी वह सब कुछ सुनाना चाहता है। जो अनकही बात दरम्यान है अपनी वह सब कुछ सुनाना चाहता है।
हम पूरी कर लेंगे ये बातें जो कही भी नहीं और अनकही भी न रही। हम पूरी कर लेंगे ये बातें जो कही भी नहीं और अनकही भी न रही।
कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा
एक अनकही... एक अनकही...